सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) के आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है। राजस्थान में इस बंद को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता इस लड़ाई में हमारे साथ हैं। बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है और हम इसके खिलाफ खड़े हैं।”
राजस्थान के विभिन्न जिलों में बंद का असर
राजस्थान के कई जिलों में इस बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। दौसा, डीग और भरतपुर में जिला कलेक्टरों ने स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थाओं में छुट्टी की घोषणा कर दी है। गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम में सरकारी स्कूल विशनपुरा के 12 शिक्षकों ने सीबीईओ (टोडाभीम) को सामूहिक आवेदन देकर 21 अगस्त की छुट्टी मांगी है ताकि वे भारत बंद में शामिल हो सकें।
बीजेपी पर कांग्रेस का हमला
टीकाराम जूली ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “बीजेपी की मानसिकता संविधान को कमजोर करने की है। आरक्षण को कमजोर करना उनका उद्देश्य है।” कांग्रेस के बंद का समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा, “अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष करेंगे, लेकिन जहां भी संविधान की मांग होगी, वहां हम पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ता इस लड़ाई में हमेशा साथ रहेंगे।”
जयपुर में 25 टीमें बंद के लिए तैयार
अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने भी राजस्थान में बंद को समर्थन दिया है। जयपुर में बंद को सफल बनाने के लिए समिति ने 25 टीमें बनाई हैं, जो बाजारों को बंद कराएंगी और रैली निकालेंगी। हालांकि, व्यापारियों में बंद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बंद का समर्थन, लेकिन शांति की अपील
संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अनिल गोठवाल ने कहा, “हमारा उद्देश्य बंद को शांतिपूर्वक सफल बनाना है। समिति किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती। सोशल मीडिया पर जो भी चल रहा है, हम उससे सहमत नहीं हैं।”
जयपुर के बाजारों में रैलियों का आयोजन
जयपुर में 25 टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में रैलियां निकालेंगी और बाजारों को बंद करवाएंगी। बंद के समर्थन में एक बड़ी रैली रामनिवास बाग से शुरू होकर चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग में समाप्त होगी। इसके बाद, प्रदर्शनकारी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद
जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ. ललित सिंह सांचौरा ने कहा, “हमने सभी व्यापारियों से कहा है कि 21 अगस्त को बंद का आह्वान किया गया है। जयपुर व्यापार मंडल ने निर्णय लिया है कि यह व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद होगा। व्यापारी और व्यापार मंडल स्वयं इस पर निर्णय लें।”
व्यापारियों की चिंताएं और पर्यटन पर प्रभाव
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि बार-बार होने वाले बंद से व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। “टूरिस्ट्स की संख्या कम हो जाती है और उनका प्लान कैंसिल हो जाता है, जिससे व्यापार पर असर पड़ता है,” उन्होंने कहा। महासंघ ने निर्णय लिया है कि व्यापारी अपनी सुरक्षा के हिसाब से निर्णय लें कि उन्हें प्रतिष्ठान खोलने हैं या बंद रखने हैं।
गृह विभाग के निर्देश
बंद के मद्देनजर, गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि वे समाज और व्यापारिक संगठनों को बाजार बंद न करने के लिए समझाएं। साथ ही, बंद के दौरान किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो, इसके लिए भी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने का बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले के तहत राज्य सरकारें अब SC के आरक्षण में “कोटे में कोटा” दे सकेंगी। कोर्ट ने 20 साल पुराने अपने फैसले को पलटते हुए कहा था कि अनुसूचित जातियों के भीतर विभाजन करना संविधान के अनुच्छेद 341 के खिलाफ नहीं है।
इस तरह, SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान समेत पूरे देश में असंतोष की लहर फैल गई है। कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है, जबकि व्यापारिक संगठनों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए अपने स्तर पर निर्णय लेने की बात कही है।