भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है! अब से Manarega Sanvida मनरेगा में काम कर रहे संविदा कर्मियों को स्थाई नौकरी मिलेगी। यह फायदा उन्हीं को मिलेगा जो नौ साल या उससे अधिक समय से काम कर चुके हैं। 9 साल का अवधि का आधार 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
अब यह समझना आसान हो गया है कि जो लोग लंबे समय से मनरेगा में मेहनत कर रहे हैं, उन्हें स्थाई रूप से नौकरी मिलेगी। यह फैसला उनकी मेहनत को सम्मानित करता है और उन्हें मजबूती से आगे बढ़ने का एहसास दिलाता है।
राज्य सरकार ने एक नई प्रक्रिया शुरू की है – महात्मा गांधी नरेगा में काम करने वाले संविदा कर्मियों को स्थायी करने की। यह फैसला उनके लिए है जो नौ साल या उससे अधिक समय से इस कार्य में लगे हैं। इसमें अन्य विभागों या योजनाओं की सेवा की अवधि को नहीं शामिल किया जाएगा।
अब से ये सब कर्मियों को एक मजबूत आस पास का हिस्सा मिलेगा। उन्हें अपनी ज़िन्दगी को स्थायी बनाने का आशा मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा।
Manarega Sanvida मनरेगा में संविदा कर्मियों को स्थाई नौकरी
राज्य के ग्रामीण और पंचायती राज विभाग ने इस मुद्दे पर सभी जिलों के विभिन्न अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने 11 जनवरी 2022 को जारी राजस्थान कांट्रैक्चुअल टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के अनुसार 4966 स्थायी पदों की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। यह निर्देश सात मार्च 2024 को जारी किया गया है।
अब इसे समझना आसान है कि कैसे राज्य के विभिन्न अधिकारियों ने मिलकर इस समस्या का समाधान किया है। यह नया कदम ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
नए आदेशों के अनुसार, महात्मा गांधी नरेगा योजना में काम करने वाले नियुक्त संविदा कर्मियों की जांच की जाएगी। वे उनके सेवा की अवधि के आधार पर चयनित होंगे, जो कि 9 वर्ष या उससे अधिक होगी। उनकी पात्रता की जांच और दस्तावेज सत्यापन का कार्य जिला स्तरीय कमेटी को सौंपा गया है। नया निर्देश 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
इस तरह की नई पहल नियुक्त कर्मियों को जानकारी और संवेदनशीलता से चुनने में मदद करेगी। यह सिद्ध करेगा कि केवल उन्हें ही लाभ मिले जो लंबे समय तक सच्चे और प्रतिबद्धता से काम किया है।