Join Telegram Group Join Now
Join WhatsApp Channels Join Now

Kisan Nyay Yojana की चौथी किस्त जारी करेगी सरकार

Kisan Nyay Yojana

Kisan Nyay Yojana:- सरकार द्वारा सन 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए राज्य एवं केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाएं समय-समय पर आरंभ कर रही है। जिससे कि देश के किसान सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि प्रदान की जाएगी। इस लेख को पढ़कर आपको इस योजना से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। जैसे कि CG Kisan Nyay Yojana के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया, उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि। तो दोस्तों यदि आप राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप से निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana 2024

राजीव गांधी किसान न्याय योजना को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के द्वारा आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को ₹9000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा यदि वर्ष 2020-21 में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था और किसान धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, केला, पपीता आदि की फसल लगाता है या फिर वृक्षारोपण करता है तो इस स्थिति में किसान को ₹10000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को 3 वर्ष तक आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

सरकार द्वारा CG Kisan Nyay Yojana का बजट ₹ 5100 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। राज्य के सभी किसान इस योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र है। वित्त मंत्री द्वारा 2020-21 का बजट पेश करते हुए इस योजना को आरंभ करने का निर्णय लिया गया था। एलएल

सरकार किसानों को देगी राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त दी जाएगी। बिलासपुर संभागीय मुख्यालय में सोमवार को संभागीय कार्यकर्ता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह के बाद डिप्टी सीएम राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल होने जरहागांव गांव पहुंचे। इस कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम सवा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है उनको उनका वाजिब हक भाजपा सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन से किसी का हक समाप्त नहीं हो जाता। हमारी सरकार किसानों को उनके हक की राशि यानी राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त निश्चित रूप से देगी। डिप्टी सीएम के द्वारा राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त के बारे में दिए गए इस बयान से राज्य के किसानों को राहत मिलेगी।

Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana का लक्ष्य

Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana के अंतर्गत गन्ना उत्पादक किसान को भी 74 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गन्ना उत्पादक श्रेणी में 34292 किसान हैं। इस योजना के सभी श्रेणी के किसानों को अब तक 5 हजार 702 करोड़ 13 लाख रुपए का भुगतान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें से 4 हजार 597 करोड़ 86 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana के अंतर्गत लगभग 18.38 लाख किसानों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में लाभ की राशि प्रदान की जाती है। इन किसानों में 9.54 लाख सीमांत किसान है, 5.60 लाख लघु किसान है तथा 3.21 लाख बड़े किसान शामिल है। इस योजना में 14 फसलों पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जो कि धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुलथी, राम तिल, कोदो, कुटकी, रागी और गन्ना है।

Mukhyamantri Yojana

राजीव गांधी किसान न्याय योजना समितियों के कार्य

  • कृषकों को द्वारा दर्ज की गई शिकायतों का निराकरण करना।
  • इस योजना के कार्यान्वयन में आने वाली बाधाओं को हल करना।
  • योजना की समीक्षा एवं निगरानी।
  • सभी लाभार्थियों की जानकारी एकत्रित कर कर पोर्टल पर दर्ज करना।
  • भू अभिलेख तथा शुद्धिकरण।
  • अपडेशन एवं आधार लिंकिंग।
  • योजनाओं का प्रचार प्रसार।
  • ग्राम सभाओं का आयोजन।
  • समीक्षा।
  • कारण मैन की रणनीति तैयार करना।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को धान की अंतर की राशि का लाभ पहुंचाना है। खासकर छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना के जरिए उनकी आय में वृद्धि का मौका मिलेगा। छत्तीसगढ़ के किसान अपनी धान की अच्छी खेती कर सकते हैं और योजना का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

योजना के मुख्य बिंदु

1. लाभार्थी:

  • इस योजना का लाभ सिर्फ छत्तीसगढ़ के किसान उठा सकते हैं।
  • केवल धान, गन्ना और मक्का की खेती करने वाले किसान अभी इस योजना के तहत शामिल हैं।
  • भविष्य में अन्य फसलों के साथ-साथ भूमिहीन ग्रामीणों को भी योजना में शामिल करने का प्लान है।

2. पात्रता:

  • सभी श्रेणियों के भूस्वामी एवं वन पट्टाधारी इस योजना के पात्र होंगे।
  • संस्थागत भू धारक किसान, रेगहा, बटाईदार और पत्तेदार किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
  • अगर कोई पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को आदान सहायता राशि दी जाएगी।

3. दस्तावेज़:

  • योजना के लिए पंजीकरण करवाने के लिए ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति आदि जमा करना अनिवार्य है।

4. पंजीकरण:

  • इस योजना का लाभ पाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है।
  • संबंधित मौसम में भुइया पोर्टल पर दर्ज गिरधारी के आंकड़े और किसान के आवेदन में अंकित फसल व रकबे में से जो भी कम हो, उस फसल या रकबे को आदान सहायता राशि की गणना के लिए मान्य किया जाएगा।

5. महत्वपूर्ण दस्तावेज़:

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभार्थियों का सत्यापन

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत, सभी किसानों का सत्यापन विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा उनके क्षेत्र में भौतिक रूप से किया जाएगा। यह सत्यापन प्रक्रिया इस प्रकार से होगी:

विभाग और अधिकारी का नाम: 

1. कृषि विभाग:

  • ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी: किसानों का 10% सत्यापन करेंगे।
  • कृषि विकास अधिकारी: किसानों का 2% सत्यापन करेंगे।
  • वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी: किसानों का 1% सत्यापन करेंगे।

2. राजस्व विभाग:

  • पटवारी: किसानों का 10% सत्यापन करेंगे।
  • राजस्व निरीक्षक: किसानों का 2% सत्यापन करेंगे।

इस प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ सही किसानों तक पहुंचे। हर विभाग और अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र के किसानों की सटीकता से जांच करें और उन्हें योजना का लाभ दिलाएं।    

दिशा-निर्देश:

  • सभी पंजीकृत किसानों के डाटा को इस योजना के लिए मान्य किया जाएगा।
    • अन्य फसलों के लिए एक नया पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें एरिया वाइज, क्रॉप प्राइस कवरेज होगी।
    • एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर द्वारा आवेदन पत्र का सत्यापन होगा।
    • इसके बाद किसान को कोऑपरेटिव सोसाइटी में अपना पंजीकरण करवाना होगा और सभी जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।
Join Telegram Group Join Now
Join WhatsApp Channels Join Now

Leave a Comment

Recent Post

Exam

Share Article