Top update – kanya sumangala yojana https://kanyasumangalayojana.com kanyasumangalayojana.com Wed, 28 Aug 2024 14:04:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://kanyasumangalayojana.com/wp-content/uploads/2024/04/cropped-Sarkari-Yojana-32x32.jpg Top update – kanya sumangala yojana https://kanyasumangalayojana.com 32 32 Satish Kumar becomes first Dalit Chairman and CEO of Railway Board https://kanyasumangalayojana.com/satish-kumar-becomes-first-dalit-chairman-and-ceo-of-railway-board/ https://kanyasumangalayojana.com/satish-kumar-becomes-first-dalit-chairman-and-ceo-of-railway-board/#respond Wed, 28 Aug 2024 14:04:41 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2096 Read more]]> सतीश कुमार रेलवे बोर्ड के पहले दलित अध्यक्ष और CEO बने: 27 अगस्त को इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस इंजीनियर्स (IRSME) अधिकारी सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और CEO नियुक्त किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि वह इस पद पर पहुँचने वाले पहले दलित अधिकारी हैं। सतीश कुमार मौजूदा CEO जया वर्मा सिन्हा की जगह लेंगे, जो 31 अगस्त को रिटायर हो रही हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने उनके नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है।

  1. सतीश कुमार 1986 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (IRSME) अधिकारी हैं और उन्होंने मार्च 1988 में रेलवे जॉइन किया था।
  2. अपने 34 वर्षों के करियर में सतीश कुमार ने भारतीय रेलवे में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, जिनमें से एक प्रमुख योगदान फॉग सेफ डिवाइस का विकास है, जो धुंध के समय ट्रेनों के संचालन को सुरक्षित बनाता है।
  3. 8 नवंबर 2022 को उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे (प्रयागराज) के महाप्रबंधक के रूप में कार्यभार संभाला था।
  4. सतीश कुमार ने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT), जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech किया है और इसके साथ उन्होंने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है।
  5. रेलवे में किए गए कई सुधारों के लिए सतीश कुमार को जाना जाता है। उनकी शुरुआत पूर्वी रेलवे के झांसी डिवीजन और वाराणसी में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) में नियुक्ति से हुई थी।

जय शाह ICC के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए:

जय शाह ICC के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए: 27 अगस्त को जय शाह को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का चेयरमैन चुना गया। इस पद के लिए उनके खिलाफ कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था, इसलिए उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया। जय शाह वर्तमान में BCCI के सचिव पद पर हैं और 1 दिसंबर को ICC चेयरमैन का पद संभालेंगे। मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

  1. जय शाह 2019 से BCCI के सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
  2. अब BCCI को सचिव पद पर नई नियुक्ति करनी होगी, जिसके लिए रोहन जेटली का नाम सबसे आगे है। रोहन जेटली, दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के प्रेसिडेंट और अरुण जेटली के बेटे हैं।
  3. ICC के मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले 2020 से इस पद पर थे और उनका कार्यकाल अब समाप्त हो रहा है। ICC ने 20 अगस्त को बताया था कि बार्कले तीसरी बार इस पद के लिए नामांकन नहीं करेंगे।
  4. ICC चेयरमैन पद के लिए नामांकन फाइल करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी।
  5. जय शाह वर्तमान में ICC के फाइनेंस और कॉमर्स मामलों की सब-कमेटी का भी हिस्सा हैं।
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होम साइंस और हिंदी लिटरेचर में शानदार करियर ऑप्शन: जानिए कैसे करें अपनी स्किल्स को डेवलप https://kanyasumangalayojana.com/home-science-career-guide/ https://kanyasumangalayojana.com/home-science-career-guide/#respond Mon, 26 Aug 2024 04:25:09 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2072 भास्कर न्यूज़ होम साइंस और हिंदी लिटरेचर में शानदार करियर ऑप्शन: जानिए कैसे करें अपनी स्किल्स को डेवलप होम साइंस और हिंदी लिटरेचर में शानदार करियर ऑप्शन: जानिए कैसे करें अपनी स्किल्स को डेवलप

करियर क्लैरिटी के 21वें एपिसोड में आपका स्वागत है! आज हम कुछ दिलचस्प सवालों के जवाब देंगे, जो छात्रों के करियर से जुड़े हुए हैं। भोपाल, मध्य प्रदेश के रमाकांत मिश्रा और मीनाक्षी ने कुछ ऐसे सवाल पूछे हैं जो कई छात्रों के मन में होते हैं। तो चलिए, सीधे उनके सवालों पर आते हैं।

हिंदी लिटरेचर में करियर ऑप्शन और स्किल्स डेवलपमेंट

रमाकांत मिश्रा का सवाल: 

“मैंने BHU से BA ऑनर्स किया है और फिलहाल BU भोपाल से हिंदी लिटरेचर में मास्टर्स कर रहा हूं। हिंदी में कौन-कौन से करियर ऑप्शन हैं और हिंदी साहित्य में कैसे अपनी प्रतिभा को निखार सकता हूं? कृपया बताएं।”

जवाब: 

रमाकांत, सबसे पहले तो यह जानना ज़रूरी है कि हिंदी लिटरेचर में करियर के ढेर सारे विकल्प हैं। आप न सिर्फ शिक्षण क्षेत्र में जा सकते हैं, बल्कि लेखन, अनुवाद, मीडिया, पब्लिशिंग, और कंटेंट क्रिएशन जैसी फील्ड्स में भी अपने करियर को संवार सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी हिंदी साहित्य में पकड़ मजबूत हो, तो आपको नियमित रूप से लिखने की आदत डालनी होगी। इसके अलावा, साहित्यिक सम्मेलनों में हिस्सा लेना और साहित्यिक लेखकों के साथ संवाद स्थापित करना भी आपकी स्किल्स को और बेहतर बना सकता है।

होम साइंस में गवर्नमेंट जॉब के मौके

मीनाक्षी का सवाल: 

“मैं होम साइंस से एमएससी कर चुकी हूं और साथ ही बीएड भी किया है। मैं कौन-कौन सी सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई कर सकती हूं?”

जवाब: 

मीनाक्षी, होम साइंस का फील्ड काफी व्यापक है और इसमें सरकारी नौकरियों के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। आप महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, और सामाजिक न्याय विभाग जैसी सरकारी संस्थाओं में अप्लाई कर सकती हैं। इसके अलावा, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, हेल्थ इंस्पेक्टर, और विभिन्न शिक्षा विभागों में भी आपके लिए सरकारी नौकरी के अच्छे अवसर हैं। बीएड की डिग्री होने से आप शिक्षण के क्षेत्र में भी जा सकती हैं, जहां आप होम साइंस की टीचर के रूप में काम कर सकती हैं।

कैसे करें अपनी स्किल्स को और बेहतर

अगर आप दोनों ही फील्ड्स में अपनी स्किल्स को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो यह बेहद ज़रूरी है कि आप हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें। चाहे वह नई किताबें पढ़ना हो, नए सॉफ्टवेयर सीखना हो, या फिर एक्सपर्ट्स से बातचीत करना हो—आपको अपने ज्ञान और स्किल्स को अपडेट करते रहना चाहिए। 

इस तरह, आप न केवल अपने करियर में ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं, बल्कि अपने व्यक्तित्व को भी निखार सकते हैं। तो, बिना देर किए, आज ही अपनी स्किल्स को डेवलप करना शुरू करें और अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!

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Construction Accident Liability: Who’s Responsible https://kanyasumangalayojana.com/construction-accident-liability-whos-responsible/ https://kanyasumangalayojana.com/construction-accident-liability-whos-responsible/#respond Sat, 24 Aug 2024 04:28:14 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2046 Who is responsible for construction accidents?

Responsibility for construction accidents can vary depending on the circumstances of the incident. Key parties that might be held responsible include:

  • Construction Companies/Employers: If an accident is due to unsafe working conditions, lack of proper safety equipment, or inadequate training, the construction company or employer may be held liable.
  • Contractors/Subcontractors: If the accident occurs due to the actions or negligence of a specific contractor or subcontractor on the site, they may be responsible.
  • Property Owners: If the property owner failed to address known hazards or did not ensure a safe environment, they might be liable.
  • Equipment Manufacturers: If faulty equipment or machinery caused the accident, the manufacturer might be held accountable.
  • Architects/Engineers: In cases where an accident is caused by design flaws or improper engineering, architects or engineers could be liable.

Truck Accident Lawyers: 3 Essential Steps to Win Your Case (Truck Collision Attorney )

How to claim third-party insurance?

To claim third-party insurance, follow these steps:

  1. Report the Incident: Notify your insurance provider about the accident as soon as possible. Provide them with all the necessary details, including the date, time, and location of the incident, and the parties involved.
  2. Gather Evidence: Collect evidence related to the accident, such as photographs, witness statements, police reports, and any other relevant documents. This will support your claim.
  3. File a Claim: Submit a third-party insurance claim to your insurance company. You will need to fill out the necessary forms and provide the evidence you gathered.
  4. Cooperate with the Investigation: The insurance company will investigate the claim. Cooperate fully, answering any questions and providing any additional information they may request.
  5. Settlement: If the claim is approved, the insurance company will negotiate a settlement. This settlement will be paid to the third party or used to cover their damages.
  6. Legal Action (if necessary): If the claim is disputed or denied, you may need to seek legal advice and possibly take legal action to pursue the claim.
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Truck Accident Lawyers: 3 Essential Steps to Win Your Case (Truck Collision Attorney ) https://kanyasumangalayojana.com/truck-accident-lawyers-3-essential-steps-to-win-your-case/ https://kanyasumangalayojana.com/truck-accident-lawyers-3-essential-steps-to-win-your-case/#respond Sat, 24 Aug 2024 04:09:43 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2043 Read more]]> Truck Accident Lawyers: Advocating for Justice and Compensation Truck accidents are among the most severe and complex types of vehicular accidents, often leading to catastrophic injuries, significant property damage, and, in the worst cases, loss of life. Given the massive size and weight of commercial trucks, collisions involving these vehicles can have devastating consequences for those involved. Victims of truck accidents face not only the physical and emotional toll of the incident but also a daunting legal landscape as they seek to recover damages. This is where truck accident lawyers come into play, offering specialized legal expertise to help victims navigate the complexities of tort law and obtain the compensation they deserve.

The Legal Framework: What is Tort Law?

At the core of truck accident litigation lies tort law, a branch of civil law that addresses private or civil wrongs causing harm or injury to individuals. According to Justia, tort law provides the legal framework for victims to seek compensation from those responsible for their injuries. When it comes to truck accidents, tort law is particularly relevant because it allows injured parties to pursue claims against negligent drivers, trucking companies, and other parties whose actions or inactions contributed to the accident.

Truck accident lawyers are experts in tort law, with a specific focus on cases involving large commercial vehicles. Their role is to ensure that victims receive adequate compensation for the losses they have incurred due to the accident, whether these losses are economic, such as medical expenses and lost wages, or non-economic, such as pain and suffering.

The Scope of Compensation: What Can Victims Recover?

One of the primary responsibilities of a truck accident lawyer is to help their clients obtain compensation for the various losses they have suffered as a result of the accident. This compensation can cover a wide range of damages, including:

  • Medical Expenses: Truck accidents often result in serious injuries that require extensive medical treatment. Victims may need surgery, rehabilitation, and ongoing care, all of which can be extremely costly. Lawyers work to ensure that all current and future medical expenses are covered in the settlement or verdict.
  • Lost Wages and Earning Capacity: Injuries sustained in truck accidents can prevent victims from returning to work, either temporarily or permanently. Lawyers help clients recover lost wages for the time they are unable to work and also seek compensation for diminished earning capacity if the victim’s ability to earn a living has been permanently affected.
  • Vehicle Damages: The impact of a truck accident can cause significant damage to the victim’s vehicle. Lawyers assist in obtaining compensation for repair or replacement costs.
  • Pain and Suffering: Beyond the tangible economic losses, victims of truck accidents often endure substantial physical pain and emotional distress. Compensation for pain and suffering is a critical component of any settlement, acknowledging the non-economic impact of the accident on the victim’s life.
  • Wrongful Death: In tragic cases where a truck accident results in the death of a loved one, family members may file a wrongful death claim. This type of claim seeks compensation for funeral expenses, loss of companionship, and other related damages.

The Multifaceted Role of Truck Accident Lawyers

The role of a truck accident lawyer is both multifaceted and legally intricate. These legal professionals manage every aspect of a case, from the initial investigation to the final resolution, whether through a settlement or a trial. Here’s a closer look at the key responsibilities that truck accident lawyers undertake:

1. Conducting Thorough Investigations

A successful truck accident claim begins with a comprehensive investigation. Lawyers gather evidence from various sources, including the accident scene, police reports, and eyewitness testimonies. They may also consult with accident reconstruction experts to determine the cause of the accident and identify all liable parties. This thorough investigation is crucial for building a strong case.

2. Gathering and Analyzing Evidence

Evidence is the cornerstone of any legal case. Truck accident lawyers meticulously collect and analyze all relevant evidence, including medical records, photographs of the accident scene, and data from the truck’s black box (an electronic device that records the vehicle’s operational parameters). This evidence is used to establish liability and quantify the damages suffered by the client.

3. Sending Demand Letters

Once the evidence has been compiled, the lawyer may send a demand letter to the at-fault party’s insurance company. This letter outlines the facts of the case, the damages incurred, and the compensation being sought. It serves as a formal request for settlement and often initiates the negotiation process with the insurance company.

4. Negotiating with Insurance Companies

Negotiating with insurance companies is one of the most critical aspects of a truck accident lawyer’s job. Insurance companies often aim to settle claims quickly and for as little money as possible. A skilled lawyer negotiates on behalf of the victim, ensuring that all damages are fully accounted for and that the settlement offer is fair. If a satisfactory settlement cannot be reached, the lawyer may advise taking the case to court.

5. Filing Lawsuits and Preparing for Trial

In cases where negotiations fail, truck accident lawyers may file a lawsuit against the responsible parties. This involves drafting and filing a complaint in court, outlining the legal claims against the defendants. Preparing for trial is a complex process that includes gathering additional evidence, interviewing witnesses, and developing a legal strategy. Throughout the trial, the lawyer presents the case to the judge or jury, arguing for the client’s right to compensation.

6. Ensuring Effective Communication

Effective communication is essential in the attorney-client relationship. Truck accident lawyers keep their clients informed about the progress of their case, explaining legal concepts in understandable terms and providing updates on any developments. This transparency helps clients feel more confident and reassured as they navigate the legal process.

Navigating the Legal Maze: The Challenges and Complexities

Truck accident cases are inherently complex, often involving multiple liable parties, intricate laws and regulations, and substantial evidence. Some of the key challenges that truck accident lawyers must navigate include:

  1. Identifying All Liable Parties: In a truck accident case, liability may extend beyond the truck driver to include the trucking company, the manufacturer of the truck or its parts, and even government entities responsible for road maintenance. Lawyers must carefully investigate to identify all parties that may be liable for the accident.
  2. Understanding Federal and State Regulations: Commercial trucking is regulated by both federal and state laws, which can be complex and difficult to navigate. Lawyers must be well-versed in these regulations, including hours of service rules, maintenance requirements, and safety standards, to effectively argue their case.
  3. Managing Large Volumes of Evidence: Truck accident cases often involve a significant amount of evidence, including electronic data, medical records, and expert testimony. Organizing and analyzing this evidence is a critical task that requires attention to detail and legal expertise.
  4. Handling High-Stakes Negotiations: Given the severity of truck accidents, the stakes in these cases are often high. Insurance companies and defense attorneys may aggressively fight to minimize liability and compensation. Truck accident lawyers must be skilled negotiators, able to advocate effectively for their clients in these high-pressure situations.

Conclusion: The Crucial Role of Truck Accident Lawyers in Securing Justice

Truck accidents can have life-altering consequences for victims, leaving them with serious injuries, emotional trauma, and financial burdens. In the aftermath of such a devastating event, the support of an experienced truck accident lawyer is invaluable. These legal professionals play a vital role in advocating for the rights of their clients, ensuring that they receive the compensation they need to rebuild their lives.

From conducting thorough investigations and gathering evidence to negotiating with insurance companies and representing clients in court, truck accident lawyers navigate the complex legal landscape with skill and dedication. Their work not only helps victims recover financially but also provides a sense of justice and closure after a traumatic experience.

Ultimately, truck accident lawyers are champions for those who have been wronged, working tirelessly to hold negligent parties accountable and secure the best possible outcome for their clients. If you or a loved one has been involved in a truck accident, seeking the expertise of a qualified lawyer is essential to ensuring that your rights are protected and that you receive the compensation you deserve.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने IAS Officer Pooja Khedkar की याचिका पर रोक लगाई, जानिए अगली सुनवाई का डेट! https://kanyasumangalayojana.com/ias-officer-pooja-khedkar/ https://kanyasumangalayojana.com/ias-officer-pooja-khedkar/#respond Thu, 22 Aug 2024 06:07:31 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2023 Read more]]> Delhi High Court ने 21 अगस्त 2024 को निलंबित प्रशिक्षु IAS officer Pooja Khedkar  की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा 29 अगस्त 2024 तक के लिए बढ़ा दी है। IAS officer Pooja Khedkar  पर आरोप है कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के आवेदन में गलत जानकारी दी और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया। यह मामला गंभीर है और इससे संबंधित सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।

IAS officer Pooja Khedkar अंतरिम सुरक्षा का विस्तार और सुनवाई का स्थगन

Delhi High Court के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने IAS officer Pooja Khedkar  की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को 29 अगस्त 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसके पीछे कारण यह है कि दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया अभी तक अदालत में दाखिल नहीं हुई थी। इस दौरान, IAS officer Pooja Khedkar  का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने UPSC की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए और अधिक समय की मांग की, क्योंकि UPSC उनकी अग्रिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध कर रहा है।

ट्रायल कोर्ट के फैसले पर हाईकोर्ट की टिप्पणी

इससे पहले, Delhi High Court ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने IAS officer Pooja Khedkar  को जमानत देने से इनकार करने के कारणों पर पर्याप्त विस्तार से चर्चा नहीं की थी। हाईकोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष की ओर से अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के आरोपों का केवल संक्षेप में उल्लेख किया गया था। इस संदर्भ में, अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वे IAS officer Pooja Khedkar  की गिरफ्तारी को शुक्रवार तक टालें, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

UPSC का पक्ष और कस्टोडियल पूछताछ की मांग

UPSC ने अपने पक्ष में यह तर्क दिया है कि IAS officer Pooja Khedkar  इस मामले में “मास्टरमाइंड” हैं, और उनकी कार्रवाई बिना अन्य लोगों की सहायता के संभव नहीं हो सकती थी। UPSC का मानना है कि मामले की गहराई से जांच के लिए IAS officer Pooja Khedkar  की कस्टोडियल पूछताछ आवश्यक है, ताकि इस साजिश के सभी पहलुओं को समझा जा सके और इसमें शामिल अन्य लोगों की संलिप्तता को उजागर किया जा सके।

निचली अदालत से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट की ओर रुख

IAS officer Pooja Khedkar  ने अपनी याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद Delhi High Court का दरवाजा खटखटाया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आरोप गंभीर हैं और इस मामले की पूरी जांच की आवश्यकता है। ट्रायल कोर्ट के जज ने कहा था कि आरोपित की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है, ताकि पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके और इसमें शामिल अन्य लोगों की संलिप्तता को साबित किया जा सके।

मामले की गंभीरता और आगे की संभावनाएं

IAS officer Pooja Khedkar  का मामला न केवल उनकी प्रतिष्ठा के लिए बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के मानकों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है। इस मामले में अन्य अधिकारियों और संबंधित व्यक्तियों की संभावित संलिप्तता की जांच की जा रही है। मामले की गहराई और UPSC द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालतें इस मामले में क्या फैसला करती हैं। अगर IAS officer Pooja Khedkar  की गिरफ्तारी होती है, तो इससे अन्य संदिग्धों की भूमिका भी सामने आ सकती है, जिससे मामले का पूरा पर्दाफाश हो सकता है।

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Instagram Star Insha Ghai के पति का अचानक निधन, जानिए इस घटना की पूरी कहानी https://kanyasumangalayojana.com/instagram-star-insha-ghai/ https://kanyasumangalayojana.com/instagram-star-insha-ghai/#respond Thu, 22 Aug 2024 05:48:44 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2017 Read more]]> इन्फ्लुएंसर insha ghai के पति अंकित कालरा का दुखद निधन: सोशल मीडिया पर साझा की गई भावनाएं सोशल मीडिया की दुनिया में शोक की लहर: इंशा घई के पति अंकित कालरा का निधन

इंटरनेट की चकाचौंध से भरी दुनिया में हर दिन नई कहानियां सामने आती हैं, लेकिन कुछ घटनाएं दिल को छू जाती हैं और हमें अंदर तक झकझोर देती हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में घटी, जब प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर इंशा घई के पति अंकित कालरा का असमय निधन हो गया। यह खबर सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैल गई, और उनके लाखों फॉलोअर्स इस दुखद समाचार से स्तब्ध हो गए। इंशा ने इस दुखद घटना की जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की, जिसमें उन्होंने अपने पति के निधन का दुख प्रकट किया। हालांकि, अभी तक उनकी मौत के कारण का खुलासा नहीं हुआ है, जिससे उनके फैंस और भी चिंतित हो गए हैं।

खुशी का घर कैसे बना दुख का अड्डा: शादी के डेढ़ साल बाद पति का निधन

इंशा घई और अंकित कालरा की जोड़ी सोशल मीडिया पर बहुत ही लोकप्रिय थी। फरवरी 2023 में दोनों ने एक-दूसरे से शादी की थी और उनके फैंस ने इस जोड़ी को भरपूर प्यार दिया। लेकिन उनकी खुशहाल जिंदगी में यह दुखद मोड़ केवल डेढ़ साल बाद आ गया। 19 अगस्त 2024 को अंकित का अचानक निधन हो गया, और वह केवल 29 साल के थे। इतनी कम उम्र में उनके जाने से परिवार और दोस्तों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर उनके फॉलोअर्स के लिए यह खबर एक गहरे सदमे के रूप में आई।

सोशल मीडिया पर insha ghai ने साझा किया अपना दुख

इंशा ने इंस्टाग्राम पर अपने पति अंकित की एक प्यारी तस्वीर साझा की, जिसमें उन्होंने उनके जन्म और मृत्यु की तारीख लिखी। उन्होंने लिखा, “अंकित कालरा की याद में। 24-3-1995…19-8-2024।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने अपने पति के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए लिखा कि वह उन्हें बहुत याद कर रही हैं। उनकी इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक भावुकता की लहर पैदा कर दी, और उनके फॉलोअर्स ने उन्हें सांत्वना देने के लिए ढेर सारे कमेंट्स किए।

दिल छू लेने वाला इमोशनल नोट

इंशा ने अपनी पोस्ट में एक इमोशनल नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने दिल की बात रखी। उन्होंने लिखा, “मुझे एक दिन पीछे ले जाओ, सब बदल दूंगी! वापस आ जाओ बेबी, प्लीज़? मुझे तुम्हारी याद आती है।” यह पोस्ट पढ़कर उनके फैंस भी भावुक हो गए और उन्होंने कमेंट्स में इंशा को हिम्मत देने की कोशिश की। फैंस का कहना था कि इंशा और अंकित की जोड़ी हमेशा उनके दिलों में जिंदा रहेगी।

फैंस ने दिखाई सहानुभूति और दी हिम्मत

insha ghai की इस पोस्ट के बाद उनके फैंस और फॉलोअर्स ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं प्रकट कीं। एक फॉलोअर ने लिखा, “मैं सदमे में हूं और मुझे यकीन नहीं हो रहा है।” एक अन्य ने लिखा, “हिम्मत रखो इंशा, हम सब तुम्हारे साथ हैं। रेस्ट इन पीस अंकित। अभी भी विश्वास नहीं हो रहा, लेकिन आपकी बेटर हाफ का ध्यान रखेंगे, जैसा कि वादा किया था।” इन संदेशों से स्पष्ट है कि इंशा और अंकित की जोड़ी ने अपने फॉलोअर्स के दिलों में गहरी जगह बना ली थी।

सोशल मीडिया पर इंशा घई की लोकप्रियता

इंशा घई सोशल मीडिया की एक मशहूर हस्ती हैं। वह अपने पति अंकित के साथ मिलकर मजेदार और मनोरंजक वीडियोज बनाती थीं, जिन्हें उनके फॉलोअर्स काफी पसंद करते थे। इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनके हर पोस्ट का बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन इस दुखद घटना के बाद, इंशा की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आ गया है। उनके फैंस इस समय उनके साथ हैं और उन्हें हिम्मत दे रहे हैं कि वह इस कठिन समय से गुजर सकें।

अंकित कालरा का जीवन और उनके साथ बिताए गए पल

अंकित कालरा का जन्म 24 मार्च 1995 को हुआ था। वह एक बेहद सरल और हंसमुख व्यक्ति थे, जो अपने परिवार और दोस्तों के साथ बेहद घुलमिल कर रहते थे। शादी के बाद से ही उन्होंने और इंशा ने अपनी जिंदगी के हर पल को खुशी से जीया। उनकी शादी फरवरी 2023 में हुई थी, और इसके बाद से वे सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी के खूबसूरत पलों को साझा करते रहे। उनके फॉलोअर्स को उनकी यह जोड़ी बहुत पसंद थी, और उनकी पोस्ट्स को लाखों लाइक्स और कमेंट्स मिलते थे। लेकिन 19 अगस्त 2024 को आई यह दुखद घटना ने सब कुछ बदल कर रख दिया।

इंस्टाग्राम पर अंतिम पोस्ट

https://www.instagram.com/p/C-5Ksf_vzlO/?utm_source=ig_embed&ig_rid=1fcfd904-8dcf-45a3-a3d4-c8c48a5ae4b0

इंशा ने अपने पति के निधन के बाद सोशल मीडिया पर अपनी एक अंतिम पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, “हमेशा के लिए अलविदा, अंकित। मैं तुम्हें बहुत याद करूंगी।” इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर से सभी को भावुक कर दिया। उनके फॉलोअर्स ने इस पोस्ट पर भी अपनी संवेदनाएं और सहानुभूति प्रकट की। इंशा की यह पोस्ट उनके फैंस के लिए एक यादगार बन गई है, जो हमेशा उनके दिलों में रहेगी।

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Education Loan ₹40 लाख का शिक्षा ऋण, वो भी बिना किसी गारंटी के! जानिए कैसे मिलेगा आपको ये मौका https://kanyasumangalayojana.com/education-loan/ https://kanyasumangalayojana.com/education-loan/#respond Thu, 22 Aug 2024 04:51:22 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=2014 Read more]]> Education Loan शिक्षा ऋण कार्यक्रम बड्डी4स्टडी की एक अनूठी पहल है, जो विभिन्न शिक्षा ऋण प्रदाताओं (बैंकों और एनबीएफसी) के सहयोग से संचालित होती है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्होंने भारत या विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश प्राप्त कर लिया है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, छात्रों को बिना किसी संपत्ति के गारंटी के ₹40 लाख तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपनी पसंद के संस्थान में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। बड्डी4स्टडी शिक्षा ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत ब्याज दर 8.1% से शुरू होती है, जो संस्थान की श्रेणी और कोर्स के चयन पर निर्भर करती है।

India Studies (Domestic) Education Loan – For Graduates and Graduates

Education Loan Eligibility

  1. यह कार्यक्रम उन भारतीय छात्रों के लिए खुला है, जिन्होंने भारत में स्नातक या स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश सुनिश्चित कर लिया है।
  2. छात्र को वांछित संस्थान में प्रवेश प्राप्त करने से पहले आवश्यक योग्यता मानदंड पूरा करना अनिवार्य है।
  3. आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक होनी चाहिए (₹7.5 लाख से कम ऋण राशि के लिए परिवार की आय मानदंड अनिवार्य नहीं है)।
  4. ऋण राशि की आवश्यकता ₹1 लाख से अधिक होनी चाहिए।

Education Loan Profit

शिक्षा ऋण के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:

  1. ₹40 लाख तक का बिना संपत्ति गारंटी का ऋण (न्यूनतम ऋण राशि ₹1 लाख होनी चाहिए)।
  2. शिक्षा ऋण की ब्याज दर 8.1% प्रति वर्ष से शुरू होती है।
  3. सहज आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से सरल और शीघ्र ऋण स्वीकृति का प्रावधान।
  4. संपत्ति गारंटी के साथ ₹2 करोड़ तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध।
  5. आईटी अधिनियम की धारा 80ई के तहत चुकाई गई ब्याज राशि पर 100% आयकर लाभ।
  6. शिक्षा ऋण में निम्नलिखित खर्चे शामिल होंगे:

कॉलेज संबंधित खर्चे:

  1. संस्थान को देय ट्यूशन और फीस।
  2. परीक्षा/लाइब्रेरी/लैबोरेटरी फीस।
  3. किताबें/उपकरण/यूनिफॉर्म की खरीद।
  4. जीवनयापन खर्च, जिसमें हॉस्टल फीस शामिल है।

अतिरिक्त खर्चे:

  1. यात्रा खर्चे।
  2. कंप्यूटर/लैपटॉप की खरीद।
  3. विदेश यात्रा बीमा का खर्च।
  4. स्वास्थ्य बीमा का खर्च।

 (नोट: विशेष विचार उन छात्रों को दिया जाएगा जो एनआईआरएफ या शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों से पेशेवर पाठ्यक्रम कर रहे हैं, जिनके लिए कम ब्याज दर लागू होगी, चयनित पाठ्यक्रम और संस्थान के आधार पर जल्दी ऋण वितरण की सुविधा भी होगी।)

दस्तावेज़

आवेदन के समय आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:

  1. हालिया पासपोर्ट आकार की फोटो।
  2. पता प्रमाण (आधार कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट/वोटर आईडी/एनआरईजीए जॉब कार्ड आदि)।
  3. प्रवेश प्रमाण (कॉलेज आईडी/प्रवेश पत्र/संस्थान से बोनाफाइड लेटर)।
  4. फीस संरचना के दस्तावेज़।

How can you Apply?

  • नीचे दिए गए ‘Apply Now’ बटन पर क्लिक करें।
  • अपने पंजीकृत आईडी के साथ बड्डी4स्टडी में लॉगिन करें और ‘Application Form Page’ पर जाएं।
  • अगर आप बड्डी4स्टडी पर पंजीकृत नहीं हैं – तो अपनी ईमेल/मोबाइल/जीमेल अकाउंट के साथ बड्डी4स्टडी पर पंजीकरण करें।
  • इसके बाद आप ‘Buddy4Study Education Loan programme’ आवेदन फॉर्म पेज पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे।
  • आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए ‘Start Application’ बटन पर क्लिक करें।
  • ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में आवश्यक विवरण भरें।
  • संबंधित दस्तावेज़ अपलोड करें।
  • ‘Terms and Conditions’ स्वीकार करें और ‘Preview’ पर क्लिक करें।
  • यदि आवेदक द्वारा भरी गई सभी जानकारी पूर्वावलोकन स्क्रीन पर सही दिखाई देती है, तो आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ‘Submit’ बटन पर क्लिक करें।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मचा हड़कंप: भारत बंद के बीच तीन जिलों के स्कूलों में कल की छुट्‌टी, टीचर्स ने मांगी लीव; समिति संयोजक बोले- बाजार बंद कराएंगे https://kanyasumangalayojana.com/supreme-courts-decision-sparks-chaos-uproar-in-rajasthan-amid-bharat-bandh-find-out-why-even-traders-are-worried/ https://kanyasumangalayojana.com/supreme-courts-decision-sparks-chaos-uproar-in-rajasthan-amid-bharat-bandh-find-out-why-even-traders-are-worried/#respond Tue, 20 Aug 2024 14:18:39 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=1991 Read more]]> सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) के आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है। राजस्थान में इस बंद को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता इस लड़ाई में हमारे साथ हैं। बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है और हम इसके खिलाफ खड़े हैं।”

राजस्थान के विभिन्न जिलों में बंद का असर

राजस्थान के कई जिलों में इस बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। दौसा, डीग और भरतपुर में जिला कलेक्टरों ने स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थाओं में छुट्टी की घोषणा कर दी है। गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम में सरकारी स्कूल विशनपुरा के 12 शिक्षकों ने सीबीईओ (टोडाभीम) को सामूहिक आवेदन देकर 21 अगस्त की छुट्टी मांगी है ताकि वे भारत बंद में शामिल हो सकें।

बीजेपी पर कांग्रेस का हमला

टीकाराम जूली ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “बीजेपी की मानसिकता संविधान को कमजोर करने की है। आरक्षण को कमजोर करना उनका उद्देश्य है।” कांग्रेस के बंद का समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा, “अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष करेंगे, लेकिन जहां भी संविधान की मांग होगी, वहां हम पीछे नहीं हटेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ता इस लड़ाई में हमेशा साथ रहेंगे।”

जयपुर में 25 टीमें बंद के लिए तैयार

अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने भी राजस्थान में बंद को समर्थन दिया है। जयपुर में बंद को सफल बनाने के लिए समिति ने 25 टीमें बनाई हैं, जो बाजारों को बंद कराएंगी और रैली निकालेंगी। हालांकि, व्यापारियों में बंद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

बंद का समर्थन, लेकिन शांति की अपील

संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अनिल गोठवाल ने कहा, “हमारा उद्देश्य बंद को शांतिपूर्वक सफल बनाना है। समिति किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती। सोशल मीडिया पर जो भी चल रहा है, हम उससे सहमत नहीं हैं।”

जयपुर के बाजारों में रैलियों का आयोजन

जयपुर में 25 टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में रैलियां निकालेंगी और बाजारों को बंद करवाएंगी। बंद के समर्थन में एक बड़ी रैली रामनिवास बाग से शुरू होकर चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग में समाप्त होगी। इसके बाद, प्रदर्शनकारी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।

व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद

जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ. ललित सिंह सांचौरा ने कहा, “हमने सभी व्यापारियों से कहा है कि 21 अगस्त को बंद का आह्वान किया गया है। जयपुर व्यापार मंडल ने निर्णय लिया है कि यह व्यापारियों का स्वैच्छिक बंद होगा। व्यापारी और व्यापार मंडल स्वयं इस पर निर्णय लें।”

व्यापारियों की चिंताएं और पर्यटन पर प्रभाव

जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि बार-बार होने वाले बंद से व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। “टूरिस्ट्स की संख्या कम हो जाती है और उनका प्लान कैंसिल हो जाता है, जिससे व्यापार पर असर पड़ता है,” उन्होंने कहा। महासंघ ने निर्णय लिया है कि व्यापारी अपनी सुरक्षा के हिसाब से निर्णय लें कि उन्हें प्रतिष्ठान खोलने हैं या बंद रखने हैं।

गृह विभाग के निर्देश

बंद के मद्देनजर, गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि वे समाज और व्यापारिक संगठनों को बाजार बंद न करने के लिए समझाएं। साथ ही, बंद के दौरान किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो, इसके लिए भी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण में क्रीमीलेयर को शामिल करने का बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले के तहत राज्य सरकारें अब SC के आरक्षण में “कोटे में कोटा” दे सकेंगी। कोर्ट ने 20 साल पुराने अपने फैसले को पलटते हुए कहा था कि अनुसूचित जातियों के भीतर विभाजन करना संविधान के अनुच्छेद 341 के खिलाफ नहीं है।

इस तरह, SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान समेत पूरे देश में असंतोष की लहर फैल गई है। कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है, जबकि व्यापारिक संगठनों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए अपने स्तर पर निर्णय लेने की बात कही है।

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UPSC में लेटरल एंट्री: SC/ST/OBC आरक्षण पर बवाल, 45 पदों की भर्ती पर विवाद लेटरल एंट्री पर विवाद: UPSC ने क्यों वापस लिया विज्ञापन? https://kanyasumangalayojana.com/upsc-latest-update/ https://kanyasumangalayojana.com/upsc-latest-update/#respond Tue, 20 Aug 2024 14:05:38 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=1988 Read more]]> UPSC द्वारा 17 अगस्त को जारी किए गए लेटरल एंट्री के 45 पदों के विज्ञापन को तीन दिन बाद वापस ले लिया गया। कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC की चेयरमैन प्रीति सुदन को पत्र लिखकर इस भर्ती को रद्द करने के निर्देश दिए। इस भर्ती में संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे।

विपक्ष का आरोप: SC/ST/OBC का हक छीना जा रहा है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के जरिए SC, ST और OBC समुदाय के हक छीनने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि लेटरल एंट्री का कॉन्सेप्ट कांग्रेस सरकार का ही है।

लेटरल एंट्री: क्या है यह प्रक्रिया?

लेटरल एंट्री का मतलब है कि प्राइवेट सेक्टर के अनुभवी व्यक्तियों को सरकारी विभागों के उच्च पदों पर सीधे नियुक्त किया जाए। इसका उद्देश्य प्रशासन में विशेषज्ञता लाना और प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना है। इसमें संयुक्त सचिव, निदेशक और उप-सचिव जैसे पदों पर नियुक्ति होती है।

क्या लेटरल एंट्री में आरक्षण लागू नहीं होता?

इस विषय पर विवाद की स्थिति बनी हुई है। बीजेपी IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय का कहना है कि लेटरल एंट्री में भी आरक्षण के नियम लागू होते हैं, जबकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ऐसा नहीं है। दरअसल, 3 से कम पदों की भर्तियों पर आरक्षण लागू नहीं होता।

लेटरल एंट्री की शुरुआत कब हुई?

2018 में नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में पहली बार लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती की गई। हालांकि, इस कॉन्सेप्ट की शुरुआत कांग्रेस के कार्यकाल में 2005 में हुई थी, लेकिन उस समय इसे लागू नहीं किया गया था।

क्या कांग्रेस ने की थी लेटरल एंट्री की शुरुआत?

कांग्रेस का कहना है कि 2005 में नौकरियों में सुधार के लिए ARC बनाई गई थी, लेकिन UPA सरकार ने लेटरल एंट्री से कोई भर्ती नहीं की। इसके बावजूद, बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस के ही सुझावों के आधार पर लेटरल एंट्री का कॉन्सेप्ट तैयार किया गया।

लेटरल एंट्री में SC/ST/OBC आरक्षण क्यों नहीं?

कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल का कहना है कि लेटरल एंट्री के जरिए OBC, SC-ST का हक छीना जा रहा है, क्योंकि इन भर्तियों में आरक्षण लागू नहीं होता। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि लेटरल एंट्री की नियुक्तियां भी आरक्षण नियमों के तहत ही की जा रही हैं।

लेटरल एंट्री: क्या संविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है?

लेटरल एंट्री को लेकर सामाजिक न्याय और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होने के आरोप लगते रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह प्रक्रिया युवाओं को हतोत्साहित करती है और पूंजीपति घरानों के लोगों को फायदा पहुंचाती है।

नतीजा: लेटरल एंट्री पर क्या भविष्य?

लेटरल एंट्री की भर्तियों को लेकर विवाद जारी है। सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाए, ताकि समाज के हर वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

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DA for Central Government Employees सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) में संभावित वृद्धि: क्या होगा इसका प्रभाव? https://kanyasumangalayojana.com/da-for-central-government-employees/ https://kanyasumangalayojana.com/da-for-central-government-employees/#respond Thu, 15 Aug 2024 11:19:21 +0000 https://kanyasumangalayojana.com/?p=1914 Read more]]> DA for Central Government Employees सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) एक महत्वपूर्ण वेतन घटक है, जो महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। हाल ही में, यह खबर आई है कि सरकार अगले महीने सितंबर में DA में वृद्धि कर सकती है, जिससे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बदलाव आएगा। यह वृद्धि अनुमानित रूप से 6,480 रुपये प्रति वर्ष हो सकती है। इस खबर ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

DA for Central Government Employees महंगाई भत्ते की पृष्ठभूमि

महंगाई भत्ता सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली वह राशि है, जो महंगाई की दर को ध्यान में रखते हुए दी जाती है। यह भत्ता उन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलता है, जिनकी आय पर महंगाई का सीधा असर पड़ता है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए DA की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर की जाती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में खुदरा कीमतों में बदलाव को ट्रैक करता है। 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए DA में 50% तक की वृद्धि की गई थी। इसके परिणामस्वरूप, हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सहित अन्य कई भत्तों में भी वृद्धि हुई थी।

DA for Central Government Employees वृद्धि का संभावित परिदृश्य

सितंबर के शुरुआत में, केंद्र सरकार से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में दूसरी वृद्धि की घोषणा की संभावना है। वर्तमान में, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार DA और DR में 3% की वृद्धि को मंजूरी दे सकती है। यह वृद्धि सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि यह महंगाई के बढ़ते प्रभाव को कम करने में सहायक होगी।

महंगाई भत्ते की वृद्धि का असर अलग-अलग वेतन स्तरों पर विभिन्न प्रकार से हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो 3% DA वृद्धि के बाद उसकी कुल वेतन में 540 रुपये की मासिक वृद्धि होगी, जोकि प्रति वर्ष 6,480 रुपये की अतिरिक्त आय में तब्दील हो जाएगी। वहीं, यदि एक कर्मचारी का मूल वेतन 56,900 रुपये है, तो DA संशोधन के बाद उसकी वेतन में प्रति माह 1,707 रुपये या प्रति वर्ष 20,484 रुपये की वृद्धि होगी।

DA और DR के 50% स्तर पर प्रभाव

DA और DR के 50% के स्तर तक पहुंचने के बाद, ऐसी अटकलें हैं कि DA और DR को स्वचालित रूप से मूल वेतन में मिलाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह हजारों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण बनेगा। हालांकि, इस संबंध में अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

7वें वेतन आयोग की सिफारिशें और अन्य भत्ते

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, अन्य भत्ते और वेतन के घटक भी DA और DR के साथ स्वचालित रूप से बढ़ते हैं। इनमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), दैनिक भत्ता, ग्रेच्युटी सीमा, हॉस्टल सब्सिडी, बच्चों की शिक्षा भत्ता, बाल देखभाल के लिए विशेष भत्ता, स्थानांतरण पर यात्रा भत्ता, और स्वयं के वाहन के लिए माइलेज भत्ता शामिल हैं। यह सभी भत्ते केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

DA बकाया और COVID-19 के दौरान की गई अदायगी

संसद के मानसून सत्र के दौरान 18 महीने के DA बकाया की अदायगी न होने के संबंध में पूछताछ की गई थी। दो सांसदों ने वित्त मंत्री से यह सवाल किया था कि क्या सरकार COVID-19 महामारी के दौरान स्थगित किए गए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के 18 महीने के महंगाई भत्ते की अदायगी पर विचार कर रही है। इस पर राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को देय महंगाई भत्ता/महंगाई राहत की तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय COVID-19 महामारी के आर्थिक व्यवधान के कारण लिया गया था। इस निर्णय का उद्देश्य सरकारी वित्त पर दबाव को कम करना था।

कन्या सुमंगला योजना

DA फ्रीज के आर्थिक प्रभाव

तीन किस्तों के DA फ्रीज के कारण, केंद्र ने 34,402.32 करोड़ रुपये की राशि बचाई। इस राशि का उपयोग सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान उत्पन्न आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए किया। हालांकि, इस निर्णय से हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को असुविधा हुई, जो उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें यह बकाया राशि जल्द से जल्द मिल जाएगी।

निष्कर्ष

सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) एक महत्वपूर्ण भत्ता है, जो महंगाई के बढ़ते प्रभाव से निपटने में उनकी मदद करता है। सितंबर में संभावित DA वृद्धि से हजारों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है, लेकिन यह भी देखा जाना बाकी है कि सरकार इस वृद्धि को किस प्रकार से लागू करती है। DA और DR के 50% के स्तर पर पहुंचने के बाद संभावित बदलाव भी कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं। सरकार की ओर से DA बकाया की अदायगी के संबंध में भी कोई स्पष्ट दिशा नहीं दी गई है, लेकिन उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर कर्मचारियों की चिंताओं का ध्यान रखेगी।

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